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anapanasati meditation in hindi: steps

Anapanasati mediation के बारे में कहे तो, जब योगी ध्यान अभ्यास शुरू करते हैं, तो वे इसे अपने शारीरिक अभ्यास से अलग मानते हैं। योग के कई पहलू होते है। और अनापनासाति में विशेष रूप से श्वास का उपयोग, ध्यान के केंद्र में होते हैं।

हमारे breathing हमारे जिवन का मूल तत्व है। इस सांस के ऊपर ही जीवन टीका हुआ है। हम कैसे स्वास लेते है, उसके ऊपर हमारे बेक्तित्वा, स्वस्थता और हमारे जीवन का अनुभव depend करता है। हमे क्या सुख मिलेंगे, हम किस तरह जीवन जिएंगे, सभी को निर्धारित करता है स्वास। और anapanasati meditation के द्वारा हम उसी important चीज को सवारते है।

anapanshati Meditataion क्या है?

अनापनासाती ध्यान (Anapanshati Meditataion) श्री गौतम बुद्ध द्वारा बताया गया एक खास मेडिटेशन का विधि है। जिसमे मनुष्य को एकाग्र हो कर ध्यान में बैठना होता है। और क्योंकि इसमें शांसो के ऊपर ध्यान दिया जाता है। तो ये अनापनशती और विपश्यना दोनों का विकसित और मिश्रित रूप है। और इसे practice करने के लिए सावधानीपूर्वक श्वास का उपयोग किया जाता है। यह अभ्यास – जिसे बुद्ध को पूर्ण जागृति में लाने के लिए प्रयुक्त ध्यान का रूप कहा जाता है. आनापानसती सुत्त (सुत्त एक बौद्ध या जैन धर्मग्रंथ) पर आधारित है।

इस स्पष्ट और विस्तृत शिक्षा में, बुद्ध एक ध्यान अभ्यास प्रस्तुत करते हैं जो मन को शांत करने के लिए सचेत श्वास का उपयोग करता है ताकि यह स्वयं को देखने के लिए, स्वतंत्रता में जाने के लिए उपयुक्त हो। पहला कदम है अपनी श्वास को ध्यान की एक विशेष वस्तु के रूप में लेना. अपना ध्यान फेफड़ों के रूप में उत्पन्न संवेदनाओं पर केंद्रित करें, स्वाभाविक रूप से और बिना किसी रुकावट के, साँस भरें और खाली करें।

आप अपना ध्यान नथुनों(nostrils), छाती या पेट पर लाकर इन संवेदनाओं को जगा सकते हैं। जैसे-जैसे आपका सांस जागरूकता अभ्यास में expert होने लगेगा, इस ध्यान को पूरे शरीर में विस्तारित किया जा सकता है। बुद्ध के शब्दों में: “संपूर्ण शरीर के प्रति संवेदनशील रहते हुए, योगी सांस लेता है; और अपने पूरे शरीर के प्रति जागरूक/अबगत (aware) रहकर ही श्वास छोड़ता है।”

Benefits of अनापनासाती ध्यान

अगर आप anapanasati meditation करते है, तो आपको कई शारीरिक और मानशिक लाभ तो मिलेंगे ही. साथिमे spiritual benefits भी आपको हैरान कर देंगे.

भय, चिंता, तनाव, तनाव, घबराहट से निपटने के लिए प्रभावी उपकरण है ये मैडिटेशन।
आपका मन की concentration power में वृद्धि होंगे.
आप total awareness को मह्सुश करेंगे और मन हमेशा सतर्क रहेगा.
याददाश्त तेज हो जायेंगे।
निर्णय लेने की शक्ति में सुधार होता है

आपका self confidence आसमान छू लेगा. और बढ़ा हुआ आत्मविश्वास आपको हर जगह विनर बांयेगा।
काम करने की क्षमता में वृद्धि होगी. और काम करने की जरुरत कम हो जाएगी. किउकी आपका manifestation power आप देख कर हैरान हो जायेंगे.
खुद को समझने और व्यक्त करने की बेहतर क्षमता आपको प्राप्त होंगे
मन पर आपका कण्ट्रोल रहेगा. आपका मन आपको कण्ट्रोल नहीं पायेगा.
मन स्वस्थ, निरोगी और बलवान बनता रहेगा. और आप सबसे प्यार करेंगे. आप हमेशा खुस रहेंगे. आप जो भी attract करना चाहोगे, वो जीबन में बास्तब बन कर सामने आएंगे.

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how to do anapanasati meditation (steps)

स्टेप 1

पहले कुछ मिनटों के लिए शांत बैठ जाएं। उसके बाद सिर्फ अपने साँस छोड़ने पर ध्यान दें। शुरुआत में अपने साँस छोड़ने के बारे में जागरूक रहें। ये प्रक्रिया आपका wormup का काम करेगा। ठीक वैसा ही, जैसा हम exercise करने से पहले करते है। इसके बाद आप ध्यान दें सांसों की संवेदनाओं के ऊपर। और उसे महसूस करने की कोशिश करें। पर कोई भी thoughtsके साथ लड़ाई नहीं करना है। जो भी संवेदनाएं उठें उसे स्वीकार करें। उन्हें रहने दें।

स्टेप 2

जब आप साँस छोड़ने के process में easy महसूसकर लोगे, तब आपका नेक्स्ट स्टेप आयेगा। इस अध्यायमें आपको ये देखना है, की क्या आप सांस छोड़ने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं? या ये खुदबखुदहोने लगा है। अगर आपको लगे की आप exeletion प्रक्रिया में involve होरहे हो। तो वो किस तरह से? इसे समझने की कोशिश करें। साँसों को अपने आप होने देने के बजाय, क्या आप उनके साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं? इसका मतलब आपको aware होना है। और अपने सांस को छोड़ते हुए देखना है। महसूस करना है। ये पहला स्टेप के जैसा ही है। पर इसने आपको ज्यादा awareness की जरूरत है।

स्टेप 3

तीसरा स्टेप में आपकी जागरूकता अधिक सटीक होती जाती है। इस स्टेप में आपको ये देखना है, की क्या आप सांस लेने की प्राकृतिक प्रक्रिया को ठीक तरह अपना रहे हो। या आपका सांस नेचुरल नही है। कभी कभी ऐसा होता है की हम अपने सांस को पूरा समय नहीं देते। और वो कभी कम और कभी ज्यादा होता है।

आपको देखना है, क्या आप साँस छोड़ने को पूरा समय देते हैं जिसकी उन्हें आवश्यकता है? अगर आप सांसें कम कर रहे हैं, तो इस पर ध्यान दें। धीरे-धीरे, जैसे-जैसे आपकी श्वास कम इच्छाशक्ति वाली होती जाएगी, और natural system से चलने लगेगी, आपकी साँस छोड़ना स्वाभाविक रूप से, अपने आप समाप्त होना शुरू हो जाएगा। और पूरा तरीका effortless aur स्वाभाविक हो जायेंगे। आपको अब देखना है, की आपकी दिमागमे कोई परिवर्तन हुआ है क्या। आपको लगेगा आपका दिमाग खाली हो चुका है।

स्टेप 4

अब आपको inhalation या सांस लेने की प्रक्रिया को observe करना है। आपको ये देखना है, की जब आपने अपने सांस लेने को देखना सुरु किया, क्या तब आपका इनहेलेशन में कोई बाधा मिल रहा है? इसे महसूस करने की कोशिश करें। अवेयर हो जाए सांस लेने का प्रक्रिया के ऊपर।

स्टेप 5

अब आपको ध्यान देना है exelation और inhaltion के बीच में जो gap या अंतराल है, उसके ऊपर। आपको ये देखना है की कब आप सांस चोरने के बाद सांस लेना सुरु कर रहे है। आपका सांस लेने का और छोड़ने का lenth क्या है। कौनसा ज्यादा या कम हो रहा है। या दोनो ही समान रूप से चल रहा है। इस बीच में आपको ये भी देखना है, की आपको कोई thoght, tension, enxity आ रही है? अगर आ रहि है, तो वो कहा। बस ये देखना है। लड़ाई नहीं करनी है।

ये देखने के बाद आप सांस छोड़ना, लेना और दोनो के बीच का अंतराल में ध्यान को लगाए। ये vipasana और anapanasati meditation के मैन स्टेप्स है। आपको अपना दिमाग thoughtless महुसुष होगा कुछ ही समय में। और जब आप regular practice करेंगे, तो आप miracle को देखना सुरु कर चुके होने।

Vipassana Meditation के बारेमे details में जानिए यहां